श्री आदिशक्ति माँ दुर्गा देवी “शक्तिपीठ” धनपुर
जिला गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही के पेण्ड्रारोड रेल्वे स्टेशन से 23 किमी की दूरी पर धनुपर नामक प्राचीन ऐतिहासिक नगर है । धनपुर जैन धर्मावलम्बियों का अंचल का सबसे बड़ा प्राचीन व्यवसायिक केन्द्र था । प्राचीनकाल में प्रमुख व्यापारिक पथ होने के कारण धनपुर जैन धर्मावलम्बियों के वैभवशाली नगर के रूप में प्रसिद्ध था । धनपुर में जैन धर्म के अलावा शैव धर्म से संबंधित अवशेष भी प्राप्त हुये है । धनुपर ग्राम में ऋषभनाथ तालाब स्थित है, जिसके समीप एक पेड के नीचे जैन तीर्थकर की प्रतिमा ग्राम देवता के रूप में स्थापित है, जबकि बायीं ओर परकोटा खीचकर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई है । मंदिर परिसर में जैन धर्म से संबंधित अनेक प्रतिमाएं रखी हुयी है । गांव से तीन किमी दूर एक विशाल काली किन्तु बलुई प्राकृतिक चट्टान में जैनधर्म से संबंधित एक विशाल प्रतिमा अर्द्धगठित स्थिति में खुदी हुयी है जिसे यहां के निवासी बेनी बाई के नाम से जानते है । कार्योत्सर्ग मुद्रा में उत्कीर्णित तीर्थकर प्रतिमा लगभग 25 फुट उंची है, छत्तीसगढ़ अंचल में यही एकमात्र शैलोत्कीर्णित जैन मूर्तिकला का उदाहरण है।